निराहारी बाबा: आध्यात्मिक साधना और विश्व-कीर्तिमान की अद्वितीय यात्रा

आध्यात्मिक गुरु निराहारी बाबा (संत राजेंद्र रेग्मी) ने अपनी अनोखी साधना से दुनिया भर में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। नेपाल के काठमांडू निवासी महाकाल व काल भैरव के परम भक्त निराहारी बाबा ने मानवता और विश्व शांति की स्थापना के लिए अपनी आत्मिक शक्ति का प्रदर्शन किया है।

20 दिनों तक निराहार रहकर बाबा ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज ऑस्ट्रिया निवासी एंड्रियास मिहावेज के रिकॉर्ड्स को ध्वस्त कर दिया है। यह साधना बाबा के अद्वितीय तप, सिद्धि और आध्यात्मिक ज्ञान का परिणाम है, जिससे वे न केवल आत्मिक शांति प्राप्त करते हैं, बल्कि दूसरों को भी अपने जीवन में ध्यान और साधना का महत्व समझाते हैं।

हमारी प्रेरणा
निराहारी बाबा की ये कठोर साधना केवल व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि यह मानवता और विश्व शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण और अप्रतिम प्रयास है। उनकी तपस्या और साधना से यह सिद्ध होता है कि मानव शरीर और आत्मा की शक्ति अनंत है, बशर्ते उसे सही दिशा में साधा जाए।

हमारा उद्देश्य:

मानवता की सेवा: बाबा की साधना का मुख्य लक्ष्य मानवता की सेवा और विश्व में शांति का प्रसार करना है।
जरूरतमंदों की मदद करना : देश और दुनिया में किसी भी प्राकृतिक आपदा से पीड़ित लोगों की मदद करना। स्वास्थ्य, शिक्षा, अनाथालय, वृद्धा आश्रम, दिव्यांगों को कित्रिम अंग दिलाना हमारी प्राथमिकता में शामिल है।
आध्यात्मिक मार्गदर्शन: हम लोगों को ध्यान और साधना के माध्यम से आंतरिक शांति प्राप्त करने का मार्ग दिखाते हैं।
वैज्ञानिक शोध और अनुसंधान: निराहारी बाबा के अद्वितीय साधना और उनके शरीर पर अनुसंधान सुनिश्चित होने से विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में नई खोज और संभावनाएं खुल सकती है। जिससे आनेवाले समय में आर्मी और इसरो (ISRO) जैसी संस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

निराहारी बाबा की विशेषताएं

लंबे समय से निराहार (living without food & water) रहकर भी पूरी तरह स्वस्थ हैं बाबा।
निराहार रहने के बावजूद भी सामान्य आदमी से ताकतवर हैं बाबा।

बिना कुछ खाये पिए भी प्रति दिन करते हैं पेशाब।
अधिक मात्रा में दवाओं का सेवन करने पर भी नहीं होता कोई असर।
गरम पानी (60 %) से घंटों करते हैं स्नान, फिर भी नहीं जलता शरीर।

घंटों खुली आँखों से सूर्य को देखते हैं बाबा।

जब भी दुनिया में सबसे लंबे समय तक निराहार रहने की चर्चा होती है तो आजकल सोशल मीडिया पर एक ही नाम सुनने को मिल रहा है वह है नेपाल के संत राजेंद्र रेग्मी उर्फ निराहारी बाबा का। निराहारी बाबा की खासियत यह है कि वह बिना कुछ खाये पिए महीनों से निर्जला रह रहे हैं। निराहारी बाबा महाकाल और काल भैरव के अनन्य भक्त हैं।

राजेंद्र रेग्मी उर्फ़ निराहारी बाबा का परिचय।

राजेंद्र रेग्मी उर्फ़ निराहारी बाबा का जन्म 26 जनवरी 1965 को नेपाल के सुनसरी जिले के धरान में हुआ था। वह एक ब्राह्मण परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता का नाम स्व पशुपति नाथ रेग्मी तथा माता का नाम स्व अम्बिका देवी है। मनिता पौडेल से उनकी शादी 25 जनवरी 1996 में हुई। जिनसे उनके दो बच्चे यानि की एक बेटा और एक बेटी है, जिसका नाम गृष्मा रेग्मी और बेटे का नाम सुयोग रेग्मी है। जहां 26 वर्षीय गृष्मा रेग्मी ऑस्ट्रेलिया में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही है तो वहीं 24 वर्षीय सुयोग रेग्मी काठमांडू में पढ़ाई कर रहे हैं।

* निराहारी बाबा की शिक्षा।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा धरान के स्कूल से ही संपन्न हुई थी। उन्होंने काठमांडू के त्रिभुवन विश्वविधालय से बैचलर ऑफ़ मैनेजमेंट की पढाई पुरी की है।

* नौकरी
काठमांडू स्थित त्रिभुवन विश्वविधालय अंतर्गत विभिन्न कॉलेज और अस्पताल में नौकरी की है। हेड असिस्टेंट पद से नौकरी का सफर शुरू कर एसोसिएट फाइनेंस कंट्रोलर (प्रथम श्रेणी) के पद पर अपनी सेवा 33 वर्षों तक राष्ट्र को दी। राजेंद्र रेग्मी ने अक्टूबर 2023 में अपने पद से स्तीफा दे दिया है।

 

राजेंद्र रेग्मी से निराहारी बाबा का सफर

बिना कुछ खाए-पिए 18 दिन तक जिंदा रहने का वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑस्ट्रिया निवासी  एंड्रियास मिहावेज (Andreas Mihavecz) के नाम दर्ज है। हालांकि उसने ये रिकॉर्ड अपनी मर्जी से नहीं बनाया था, बल्कि उसके साथ एक दुर्घटना हो गई थी, जिसमे उसकी जान भी चली गई।
राजेंद्र रेग्मी उर्फ़ निराहारी बाबा ने ये जानते हुए कि 18 दिनों से ज्यादा कोई व्यक्ति बिना खाये पिए जिन्दा नहीं रह सकता, फिर भी उन्होंने इस रिकॉर्ड्स को तोड़ कर वर्ल्ड रिकार्ड्स बनाने का संकल्प लिया। इस दौरान मार्च 2024 में नेपाल की राजधानी काठमांडू गए भारतीय पत्रकार अजय झा (न्यूज़ भारत 24) से उनकी मुलाकात हुई। जर्नलिस्ट अजय झा ने उनका इंटरव्यू किया और बाबा के साथ 10 दिनों तक समय व्यतीत किया और बाबा की अलौकिक शक्तियों से वाकिफ हुआ। बाबा ने जब निराहार रहकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की इच्छा जाहिर की तो अजय झा ने उन्हें लोकतंत्र की जननी, ज्ञान और मोक्ष की भूमि बिहार की राजधानी पटना आमंत्रित किया। पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर, मुख्यमंत्री सचिवालय और राज्यपाल को सूचित कर, पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर से अनुमति लेकर अजय झा के नेतृत्व में CCTV की निगरानी में अखिल भारतीय अपराध विरोधी मोर्चा के कार्यालय में MIG 76, (लोहिया पार्क के नजदीक) कंकड़बाग में 1 अगस्त 2024 से 20 अगस्त 2024 तक निराहार रहकर एक नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है। 1 से 20 अगस्त 2024 तक जिलाधिकारी के निर्देश पर कंकड़बाग के जयप्रभा अस्पताल के डॉ यश राज और उनकी टीम प्रति दिन उनका स्वास्थ्य परिक्षण किया। डॉक्टर से लेकर मीडिया जगत के लोग भी हैरान थे कि 20 दिनों तक निराहार रहकर भी कोई व्यक्ति पूरी तरह कैसे स्वस्थ हैं। निराहारी बाबा की इस उपलब्धि पर कई राजनेताओं और संस्थाओं
ने उन्हें सम्मानित किया है। निराहारी बाबा का नाम गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में अप्लाई कर दिया गया है।

बता दें कि रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिना कुछ खाए-पिए सबसे लंबे समय तक जीवित रहने का मामला साल 1979 में सामने आया था। ऑस्ट्रिया का रहने वाला एंड्रियास मिहावेज (Andreas Mihavecz) भोजन और पानी के बिना 18 दिनों तक जीवित रहा था। असल में उसके साथ एक दुखद घटना घट गई थी। एक अप्रैल 1979 को उसे कुछ पुलिसवालों ने कथित तौर पर गलती से हिरासत में ले लिया था और उसे ऑस्ट्रिया के होचस्ट में एक स्थानीय सरकारी भवन के एक होल्डिंग सेल में रखा गया था। उसपर एक कार दुर्घटना में शामिल होने का आरोप लगा था।
सेल में बंद कर भूल गए थे पुलिसवाले : गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के मुताबिक, ऐसा कहा जाता है कि उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस अधिकारियों को ये गलतफहमी हो गई थी कि उसे किसी ने रिहा कर दिया है, जबकि वह पूरे समय बेसमेंट सेल में ही बंद रहा था। माना जाता है कि एंड्रियास 18 दिनों तक दीवारें चाट-चाट कर जिंदा रहा था, लेकिन 18 अप्रैल 1979 को उसकी मौत हो गई।

निराहारी बाबा की तीर्थ यात्रा :
नेपाल के प्रमुख तीर्थ स्थल – पशुपतिनाथ, मुक्तिनाथ, दक्षिण काली, काल भैरब, बंगलामुखी, दन्तकाली, कुमारी देवी सहित कई अन्य धार्मिक स्थलों का भ्रमण किया।
भारत के प्रमुख तीर्थ स्थल – महाकाल और काल भैरब (उज्जैन), कामख्या, कशी विश्वनाथ, हरिद्वार, गंगा सागर, वैष्णो देवी सहित कई अन्य धार्मिक स्थलों का दौरा किया। बाबा ने अपने शरीर को महाकाल को अर्पित कर दिया है।

Scroll to Top